राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार को अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए हर साल करीब 20 हजार करोड़ रुपये की जरुरत पड़ेगी।
ऐसे में राज्य सरकार के सामने कर्ज को कंट्रोल में रखते हुए चुनावी वादों को पूरा करने की बड़ी चुनौती है।
एक लाख 27 हजार करोड़ पहुंचा बजट
वित्तीय वर्ष 2023-24 का राज्य का बजट करीब 1 लाख 27 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। मुख्य बजट 1 लाख 21 हजार करोड़ का था। इसके बाद 2 अनुपूरक बजट पेश किए गए हैं।
राज्य का कर्ज लेना सामान्य प्रक्रिया
वित्त विभाग के अफसरों और जानकारों के अनुसार किसी भी सरकार का इस तरह से कर्ज लेना एक सामान्य प्रक्रिया है। नियमानुसार कोई भी राज्य सरकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अपनी जीडीपी की तुलना में 2 प्रतिशत तक कर्ज ले सकती है। छत्तीसगढ़ में कर्ज का बोझ बढ़ने के बावजूद यह वित्तीय अनुशासन बना हुआ है।
23 साल में कभी भी किसी भी सरकार ने इस सीमा को नहीं लांघा है।