दिशान सिंह डहरिया ने जिला न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सेवा समाप्ति के आदेश को रद करने और सेवा में वापसी की गुहार लगाई थी। याचिका के अनुसार जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग में 11 अन्य उम्मीदवारों के साथ आशुलिपिक हिन्दी के पद पर उसकी नियुक्ति की गई थी।जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग में स्टेनोग्राफर हिन्दी के पद पर कार्यरत एक कर्मचारी को डीजे दुर्ग ने गोपनीयता भंग करने और अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त कर दिया था। डीजे के आदेश को चुनौती देते हुए स्टेनोग्राफर ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस पीपी साहू के डिवीजन बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने दुर्ग डीजे के आदेश को रद करते हुए याचिकाकर्ता को सेवा में वापस लेने व बकाया वेतन का 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है।

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