रायगढ़। किरोड़ीमल नगर में नगर पंचायत चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है, और अब सबकी नजरें परिणामों पर टिकी हैं। स्थानीय जानकारी से हुई चर्चा के अनुसार, भाजपा इस चुनाव में कमजोर प्रदर्शन कर सकती है, जबकि कांग्रेस का पलड़ा भारी होने की खूब चर्चा हो रही है।
स्थानीय चुनाव में कांग्रेस का गढ़, भाजपा को कड़ी टक्कर
किरोड़ीमल नगर पंचायत पिछले दो निकाय चुनावों से कांग्रेस का गढ़ रहा है। पिछले प्रत्यक्ष चुनाव में कांग्रेस ने 750 से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी, जबकि अप्रत्यक्ष चुनाव में भी कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी 550 से अधिक वोटों से आगे रहा था और उनके 10 पार्षद जीते थे। यह बढ़त भाजपा के लिए इस चुनाव में एक बड़ी चुनौती मान रहे हैं।
बीजेपी को दो बड़े झटके
भाजपा के लिए इस चुनाव में दो बड़े झटके लगे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा से पार्षद चुने गए पांच प्रत्याशियों में से एक पार्षद कांग्रेस में शामिल होकर इस बार कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, एक और प्रमुख पार्षद, जो नगर के बड़े युवा चेहरे के रूप में जाने जाते थे, मतदान से दो दिन पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे भाजपा के पारंपरिक वोटबैंक में कितना असर पड़ेगा , यह मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा।
महिला मतदाताओं की उदासीनता से किसको नुकसान
इस चुनाव में भाजपा ने महिला केंद्रित योजनाओं, जैसे महतारी वंदन योजना, केंद्र और राज्य सरकार की अन्य योजनाओं को मुख्य प्रचार का मुद्दा बनाया था। इसके बावजूद महिला मतदाताओं का मतदान पुरुषों की तुलना में 580 मत कम रहा। यह साफ दर्शाता है कि महिलाओं में योजनाओं को लेकर अपेक्षित उत्साह किरोड़ीमल में नहीं दिखा।भाजपा को इस चुनाव में स्थानीय स्तर पर एंटी-इनकंबेंसी का कितना असर पड़ता है? लोगों मतगणना का इंतजार है। एक वर्ष पूर्व भाजपा नगर सरकार में आई थी।
कांग्रेस को यह भी फायदा मिल सकता है कि उसने हालिया विधानसभा चुनाव की बढ़त को जनता के बीच अच्छे से प्रचारित किया। इसके विपरीत, भाजपा लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त को स्थानीय चुनाव की सफलता का आधार मान रही। अब किसे कितना लाभ होता है यह चुनाव परिणामों में दिखेगा।