मनोरोग चिकित्सक जिला हास्पिटल की माने तो जिला चिकित्सालय में ही हर रोज लगभग 10 से 15 बच्चे रोजना पहुंचे है। सिम्स में ऐसे मरीजो के पहुंचने के पांच मामले व निजी हास्पिटल में 20 से 25 बच्चे ऐसे पहुंचते है जिन्हें रील्स देखने के दुष्प्रभावों से ग्रसित है। चिकित्सको की माने तो काउंसलिंग और दवाई से इन बच्चों का इलाज किया जा रहा है।मनोरोग चिकित्सक जिला हास्पिटल की माने तो जिला चिकित्सालय में ही हर रोज लगभग 10 से 15 बच्चे रोजना पहुंचे है। सिम्स में ऐसे मरीजो के पहुंचने के पांच मामले व निजी हास्पिटल में 20 से 25 बच्चे ऐसे पहुंचते है जिन्हें रील्स देखने के दुष्प्रभावों से ग्रसित है। चिकित्सको की माने तो काउंसलिंग और दवाई से इन बच्चों का इलाज किया जा रहा है।