रायगढ़, / रायगढ़ वनमंडल के अंतर्गत प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह का आयोजन 2 से 8 अक्टूबर तक किया गया। इस वर्ष कार्यक्रम की थीम मानव-पशु सह-अस्तित्व रही, जिसके अंतर्गत वन्यजीव संरक्षण को लेकर विभिन्न जन-जागरूकता एवं शैक्षणिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
कार्यक्रम की शुरुआत रायगढ़ परिक्षेत्र के भूपदेवपुर स्थित रामझरना ईको पार्क में बर्ड वॉचिंग गतिविधि से हुई। प्रशिक्षु वन क्षेत्रपालों व प्रतिभागियों ने 20 से अधिक पक्षी प्रजातियों की पहचान की तथा 8 से 10 पक्षियों के फोटो भी लिए। इस गतिविधि ने प्रतिभागियों को पक्षियों के व्यवहार और उनके आवास के प्रति समझ विकसित करने में मदद की, साथ ही मानव एवं वन्यजीवों के बीच संतुलित सह-अस्तित्व की अवधारणा को भी मजबूती मिली। इसी कड़ी में देवगांव परिसर में वन प्रबंधन समिति, ग्रामीणों एवं वन अमले द्वारा रात्रिकालीन स्नेयर वॉक का आयोजन किया गया, जिससे अवैध शिकार की एक कोशिश को विफल किया गया। साथ ही पर्यावरण पार्क रायगढ़ में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चक्रधरनगर एवं तिलक स्कूल के लगभग 60 छात्र-छात्राओं ने निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया। वहीं ग्राम खैरपुर, महलोई और देवगांव जैसे क्षेत्रों में वन्यजीव संरक्षण पर आधारित जनजागरूकता अभियान चलाया गया।
वन परिक्षेत्र खरसिया के ग्राम काफरमार में मानव-पशु सह-अस्तित्व विषय पर जागरूकता रैली निकाली गई, वहीं वन घरघोड़ा परिक्षेत्र के कुरूंजखोल शासकीय प्राथमिक शाला में चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। समापन समारोह ग्राम-जुनवानी के शासकीय माध्यमिक शाला में सम्पन्न हुआ, जहां मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुषमा खलखो, अन्य जनप्रतिनिधियों, उप सरपंच एवं वन विभाग के अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। सप्ताह भर चले आयोजन ने न केवल लोगों को वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रेरित किया, बल्कि मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

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