“फील्ड में काम, लेकिन पदोन्नति में अन्याय — अभियंता संघ ने उठाई 70% कोटा बहाली की मांग”

रायगढ़ में अभियंता संघ ने मुख्य अभियंता और अधीक्षण यंत्री को सौंपा ज्ञापन, संसाधन और कर्मचारियों की कमी पर भी जताई चिंता

रायगढ़
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मण्डल पत्रोपाधि अभियंता संघ रायगढ़ क्षेत्रीय संगठन के अभियंताओं ने अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर मुख्य अभियंता मनीष तनेजा एवं अधीक्षण यंत्री गुंजन शर्मा (वृत्त), छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड रायगढ़ को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान रीजन और केंद्रीय स्तर के पदाधिकारी उपस्थित रहे। संघ ने ज्ञापन के माध्यम से पदोन्नति नीति, संसाधनों की कमी, उपकरणों की गुणवत्ता, कर्मचारियों की अनुपलब्धता और फील्ड समस्याओं पर तत्काल ध्यान देने की मांग की।

70% पदोन्नति कोटा बहाल करने की मांग

संघ ने ज्ञापन में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में 70% पदोन्नति कोटा को यथावत रखने की मांग की।
संघ का कहना है कि हाल ही में कंपनी द्वारा 70% की जगह 40% पदोन्नति कोटा लागू किया गया है, जिससे कनिष्ठ अभियंताओं को भारी नुकसान होगा और उन्हें पदोन्नति के मूल अधिकार से वंचित होना पड़ेगा।

अभियंताओं ने कहा कि अनुभवी और लंबे समय से सेवा दे रहे अधिकारी कंपनी की रीढ़ हैं, इसलिए उन्हें पदोन्नति में समान अवसर मिलना चाहिए।
संघ ने स्पष्ट कहा — “70% पदोन्नति कोटा बनाए रखना कंपनी की प्रगति और कार्यदक्षता दोनों के लिए आवश्यक है।”

कोरोना काल में भी निभाया कर्तव्य, अब चाहिए सहयोग

अभियंता संघ ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान जब पूरा देश ठहर गया था, तब भी अभियंताओं ने अपने मातहत कर्मचारियों के साथ दिन-रात मेहनत कर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की। इस दौरान कई अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यपालन में शहीद हुए।
संघ ने कहा कि सीमित संसाधनों में भी अभियंताओं ने सदैव कंपनी और उपभोक्ता हित को सर्वोपरि रखा है।

सीमित संसाधनों में भी निष्ठापूर्ण सेवा

ज्ञापन में बताया गया कि अभियंता और उनके सहयोगी राजस्व वसूली, ट्रांसफार्मर विफलता में कमी, लाइन लॉस नियंत्रण और उपभोक्ता सेवा सुधार में दिन-रात जुटे रहते हैं।
संघ ने कहा कि अभियंताओं ने हमेशा शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन और जनता को विद्युत सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।

मुख्य मांगें — संसाधन, जनशक्ति और तकनीकी सुधार

अभियंता संघ ने कंपनी प्रबंधन से कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं, जिनमें शामिल हैं —

1️⃣ उपसंभागों व वितरण केन्द्रों में स्वीकृत पदों के अनुरूप पर्याप्त कर्मचारियों की नियुक्ति।
2️⃣ लाईन मरम्मत एवं राजस्व वसूली हेतु शिरोपरी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए।
3️⃣ भण्डार गृह से मानक गुणवत्ता के ट्रांसफार्मर और उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
4️⃣ मरम्मत हेतु आवश्यक सामग्री — केबल, इंसुलेटर, फ्यूज, कंडक्टर, तेल आदि पर्याप्त मात्रा में दी जाए।
5️⃣ 33/11 केव्ही उपकेन्द्रों में रिले, सीटी, व्हीसीबी के स्पेयर पार्ट्स तत्काल उपलब्ध कराए जाएं।
6️⃣ शासकीय अवकाश के दिनों में सामान्य कार्यों हेतु ड्यूटी न लगाई जाए।
7️⃣ तीनों पाली में कॉल अटेंड करने हेतु पृथक कर्मचारी की व्यवस्था की जाए।
8️⃣ कम्प्यूटर कार्य हेतु फंड, कार्टेज और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाए।
9️⃣ ठेकेदारों को बाह्य स्रोत से नियोजित कर्मचारियों का वेतन समय पर देने के निर्देश दिए जाएं।

मैदानी अभियंताओं की चुनौतियां समझे कंपनी”

संघ ने ज्ञापन में कहा कि मैदानी अभियंता प्रतिदिन जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करते हैं। दुर्घटना या अप्रिय घटना के समय उन्हें अक्सर अकेले ही संघर्ष करना पड़ता है।
संघ ने आग्रह किया कि कंपनी प्रबंधन अपने इन कर्मठ अभियंताओं का मनोबल बढ़ाए और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से सुलझाए।

रीजनल और केंद्रीय पदाधिकारियों की उपस्थिति

ज्ञापन सौंपने के दौरान केंद्रीय पदाधिकारी वी.के. खांडेकर, ए. खान, शैलेन्द्र दुबे, मनोज पटेल, महेश्वर पटेल, राजेन्द्र एरिले, योगेश मेहर, लक्ष्मीकांत पटेल सहित रीजन अध्यक्ष खीरेंद्र पटेल और अधिकारी राजेश देवांगन, हेमचरण पटेल, सुरेश गुप्ता मौजूद रहे।
कार्यक्रम में रायगढ़ क्षेत्र के लगभग 100 अभियंता उपस्थित थे।

संघ ने जताई सौहार्दपूर्ण समाधान की अपेक्षा

संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष के.के. पटेल ने कहा कि संगठन हमेशा से कंपनी के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है।
उन्होंने कहा — “हम कंपनी की प्रगति में सहभागी हैं, पर समस्याओं का निराकरण न होने पर हम आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होंगे। ऐसी स्थिति में उत्पन्न परिस्थितियों की जिम्मेदारी संघ की नहीं होगी।”

ज्ञापन की प्रतिलिपि वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई

ज्ञापन की प्रतिलिपि महाप्रबंधक (मां.सं.) रायपुर, मुख्य अभियंता (रायगढ़ क्षेत्र), कार्यपालन अभियंता रायगढ़-सारंगढ़, तथा संघ के प्रांतीय अध्यक्ष और महासचिव को भी प्रेषित की गई।
बताया गया कि रायगढ़ के साथ-साथ राज्य के अन्य जिलों में भी इसी आशय का ज्ञापन सौंपा गया है।

“कंपनी हित सर्वोपरि — पर कर्मियों के अधिकार भी सुरक्षित रहें”

अभियंता संघ ने अंत में कहा कि —
“हम कंपनी और उपभोक्ताओं के हित को अपने स्वार्थ से ऊपर रखते हैं, परंतु यह भी आवश्यक है कि हमारी वास्तविक समस्याओं को समझा और सुलझाया जाए। तभी कंपनी और कर्मी दोनों की दक्षता व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।”

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