नवरात्र में फलाहार के रूप में सेवन किया जाने वाला सिंघाड़ा महज फलाहारी भोजन ही नहीं, बल्कि औषधिीय गुणों से भरपूर प्रकृति का अनमोल खजाना है। कच्चे सिंघाड़े से लेकर हर घर में इसके आटे से बनी कतरी उपवास में मात्र भूख को शांत करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के नजरिए से भी काफी फायदेमंद है।तीन अक्टूबर से मां देवी की पूजा अर्चना का पर्व नवरात्र शुरू हो रहा है, ऐसे में पूरा क्षेत्र नौ दिनों तक मां की भक्ति में डूब जाएगा। बड़ी संख्या में लोग इस दौरान उपवास भी रखते हैं। वैसे तो पहले दिन व अष्टमी के दिन बड़ी संख्या में भक्त उपवास रखते हैं, लेकिन इसके बाद भी भक्तों की बड़ी संख्या ऐसी है, जो पूरे नौ दिन मां की आराधना में उपवास रखते हैं और नौ दिन तक फलाहारी का सेवन करते हैं।

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