गंगा की धारा बदलने से भीषण कटाव के कारण 17 वर्ष पहले गंगा के गर्भ में समाया 5000 की आबादी वाला गांव अब बाहर निकल आया है। गांव की पहचान एक कुएं से की गई। कुआं सतह से 20 फीट ऊंचा हो गया है। अमदाबाद प्रखंड के 2007 में भीषण बाढ़ व गंगा नदी द्वारा कटाव के चपेट में आकर चौकचामा गांव विलीन हो गया था। कटाव होने के बाद कुछ परिवार 1 किलोमीटर दूर जाकर बस गए। कुछ लोग कटिहार हवाईअड्डा के पास जाकर बस गए। गांव की जमीन अब 17 वर्ष बाद गंगा नदी से निकल गई है। चार महीने पहले से ही गंगा की धारा इलाके से बदल गई और दूसरे छोर में चली गई। धारा बदलने के बाद वर्षों पहले डूबी जमीन अब निकलने लगी है। फिलहाल जहां गांव था, अब वहां गंगा की एक छोटी धारा का बहाव है। इसके उस पार खेतिहर जमीन निकल गई है। 2007 तक यह कुआं चौकचामा गांव के बीच में रघुवीर सिंह व गणेश सिंह के दरवाजे पर स्थित था। उनके पुत्र का कहना है कि उनके दादा ने बंगाल से इंट मंगाकर इस कुएं का निर्माण कराया था।

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