रायगढ़ , इन्फ्लूएंजा को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है। बीमारी से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गई है। रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को मॉकड्रिल कर अस्पताल की क्षमता, दवाइयों की उपलब्धता समेत अन्य सुविधाओं को परखा गया ।

स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर स्व. श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ , (छ.ग.) में संभावित इन्फ्लूएंजा के खतरे और आपात स्थिति से निपटने को लेकर 11 सितंबर गुरुवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान इन्फ्लूएंजा से संक्रमित डमी मरीज को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचते ही अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया। मरीज़ को एम्बुलेंस से उतार कर पीपीई किट पहने स्वस्थ कर्मी ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त स्ट्रेचर में लेटाकर वर्तमान में चिन्हांकित आइसोलेशन वार्ड लेकर गये ,जहाँ पूर्व से मौजूद पीपीई किट लेस चिकित्सक , स्टाफ़ द्वारा सबसे पहले ऑक्सीमीटर से उक्त मरीज के ऑक्सीजन स्तर की जांच की गई। फिर उसे ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर लिटाया गया।ऑक्सीमीटर लगाने के साथ ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की गई। वहीं वेंटिलेटर व मल्टीपैरामीटर ,वाइटल साइन मशीन के माध्यम से जांच व मॉनिटरिंग चिकित्सकों ने की।

गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नौ से ग्यारह सितंबर तक मॉकड्रिल करने का निर्देश दिया है।जिसमे मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय,सीएचसी, और पीएचसी में इन्फ्लूएंजा के बढ़ने की स्थिति में नियंत्रण के लिए सर्विलांस गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण की जांच की जाए।और अस्पतालों की बेड क्षमता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन से जुड़े आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, व वेंटिलेटर से जुड़े बेडों की संख्या , नेबुलाइजर, ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर, पीपीई किट आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ।

अस्पताल अधीक्षक डॉ एम.के.मिंज ने बताया वर्तमान में अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीज काफी संख्या में इलाज के लिए आ रहे हैं। इसको देखते हुए शासन ने इंफ्लूएंजा से निपटने को लेकर अस्पतालों में की गई तैयारियों को मॉकड्रिल से परखने का आदेश जारी किया है। साथ ही कहा गया है कि सभी अस्पताल अधीक्षक,सीएस , सीएससी प्रभारी , पीएचसी प्रभारी अपने अस्पतालों का निरीक्षण कर वहां पर क्या-क्या सुविधाएं हैं, इसको आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड़ करे ।

लक्षण:
इंफ्लूएंजा एक वायरस है, इसकी चपेट में आने से मरीज को तेज बुखार आता है। साथ ही शरीर में काफी तेज दर्द होता हैं। गले में खराश , सर्दी और ख़ासी होती है। कभी-कभी उल्टियां भी होने लगती हैं। बीमारी के लक्षण दिखने पर तत्काल नजदीकी चिकित्सालय में डॉक्टर से सलाह ले। डॉक्टर द्वारा इंफ्लूएंजा की पुष्टि होने पर परिवार के लोगों से अलग रहें। साथ ही ठंडी वस्तुओं का सेवन करने से भी बचें।

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