डोंगरगढ़, 18 फरवरी, 2024: जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने शनिवार देर रात 2:35 बजे डोंगरगढ़ के चन्द्रगिरि तीर्थ में समाधि ले ली। 3 दिन के उपवास और अखंड मौन धारण करने के बाद उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया।
आचार्य विद्यासागर महाराज ने पूर्ण जागृतावस्था में आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन का उपवास लिया था।
उनके निधन की खबर से जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। डोंगरगढ़ में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। आज दोपहर 1 बजे उनकी अंतिम संस्कार विधि होगी।
पिछले साल PM मोदी ने लिया था आशीर्वाद:
पिछले साल 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोंगरगढ़ पहुंचकर मुनि श्री का आशीर्वाद लिया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि “आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।”
आचार्य विद्यासागर महाराज का जीवन:
- जन्म: 1929
- जैन धर्म का प्रचार: 70 वर्ष से अधिक
- प्रसिद्ध: सादगी, विनम्रता और ज्ञान
- निधन: 17 फरवरी, 2024, 95 वर्ष की आयु में
यह भी ध्यान दें:
- आचार्य विद्यासागर महाराज का जीवन सादगी और त्याग का प्रतीक था।
- उन्होंने अपना जीवन जैन धर्म के प्रचार और लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया।
- उनके निधन से जैन समुदाय में अपूरणीय क्षति हुई है।