रायगढ़. 06 अगस्त 2025 , स्व.श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ और शासकीय नर्सिंग कॉलेज,रायगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में विश्व स्तनपान सप्ताह 6 अगस्त 2025 बुधवार को मनाया गया । इस कार्यक्रम में डॉ. मनोज कुमार मिंज (अस्पताल अधीक्षक ) डॉ. डॉ ए.एम .लकड़ा (विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया ), डॉ टी.के.साहू , डॉ एल.के. सोनी सहित समस्त चिकित्सक ,चिकित्सक शिक्षक , नर्सिंग स्टाफ,मेडिकल व नर्सिंग छात्र -छात्राए, गर्भवती महिला और नवजात बच्चो की माताओ की उपस्थिति में संपन्न हुआ l

इस कार्यक्रम में गर्भवती महिला और माताओं से स्तनपान के महत्व पर चर्चा की। बताया मां का दूध शिशु के लिए सबसे अच्छा पोषण है। यह बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए प्राकृतिक टीका होता है। इसमें कोलोस्ट्रम होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इससे बच्चा कई बीमारियों से बचता है। जन्म से 6 महिने तक के बच्चों को सिर्फ मां का दूध पीलाने की सलाह दी गई । यानी कि शिशु को स्तन के दूध के अलावा कोई अन्य भोजन या पानी नहीं देना चाहिए और फिर 6 महीने से 2 वर्ष की उम्र तक या उसके बाद भी स्तन पान कराते रहना चाहिए, और स्तन के दूध के साथ-साथ शिशु को अन्य खाद्य पदार्थ (पूरक भोजन ) भी देना चाहिये । माताओं को पोषण युक्त आहार लेने की सलाह दी गई l

शुरुआती वृद्धि और विकास के इस महत्वपूर्ण दौर में स्तन के दूध में मौजूद एंटीबॉडी शिशुओं को बीमारी और मृत्यु से बचाती हैं. यह आपात स्थिति के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब स्तनपान शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए एक सुरक्षित, पौष्टिक और सुलभ भोजन स्रोत की गारंटी देता है. साथ ही माताओं के लिए कुछ प्रकार के कैंसर और गैर-संचारी रोगों के जोखिम को भी कम करता है ।एम.एससी. नर्सिंग छात्राओ द्वारा प्रोजेक्टर ,स्किट (नाटक )एवम् पोस्टर के माध्यम से प्रस्तुति देकर माताओं को स्तनपान के फायदे और नवजात शिशुओं के लिए मां के दूध के महत्व और स्तनपान की सही तकनीकों को लेकर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

उल्लेखनीय है कि हर साल अगस्त के पहले सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य शिशुओं को कुपोषण से बचाना और उनके मानसिक-शारीरिक विकास को बढ़ावा देना है. यह अभियान स्तनपान के महत्व को रेखांकित करता है, जो बच्चों के स्वस्थ विकास और जीवन रक्षा का सबसे प्रभावी तरीका है. इस वर्ष की थीम -” स्तनपान को प्राथमिकता दें: स्थायी सहायता प्रणालियां बनाएं” है, जिसका उद्देश्य माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है. यह थीम माताओं को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करती है l

विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ के अनुसार, स्तनपान बच्चों को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका है. यह शिशुओं को पोषण और रोगों से लड़ने की ताकत देता है, जिससे दस्त और निमोनिया जैसी बीमारियों से बचाव होता है. साथ ही, यह माताओं में स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि कैंसर और टाइप-2 मधुमेह का खतरा कम करता है. वर्तमान में दुनिया भर में 6 महीने से कम उम्र के केवल 67 प्रतिशत शिशुओं को ही पूरी तरह स्तनपान कराया जाता है. जिससे लाखों बच्चों की जान बची है. फिर भी लक्ष्य पाने के लिए और मेहनत चाहिए l

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