अवैध शराब बेचने वालों पर ताबड़तोड़ तीन कार्रवाई, आरोपियों से 10-10 लीटर महुआ शराब जप्त, आबकारी एक्ट में भेजा जेल

 रायगढ़* । पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देश पर “सुशासन तिहार” कार्यक्रम के अंतर्गत जिलेभर में पुलिस अधिकारी ग्राम भ्रमण कर चलित थाना, जन चौपाल और जन शिकायत शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर त्वरित समाधान की पहल की जा रही है। इसी क्रम में आज पूंजीपथरा थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश मिश्रा के नेतृत्व में ग्राम तराईमाल में पुलिस चौपाल का आयोजन किया गया, जहां ग्रामीणों की शिकायतों के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पूंजीपथरा पुलिस ने तीन अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर अवैध महुआ शराब जब्त की।
   एडिशनल एसपी आकाश मरकाम और डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजित बैठक के दौरान ग्रामीणों ने तराईमाल बाजार पारा निवासी धनेश राम उरांव, उरांव पारा निवासी रामलाल उरांव और ग्राम तराईमाल के जगदीश भगत के विरुद्ध अवैध शराब बिक्री की शिकायत की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम ने मौके पर ही तीनों संदिग्धों के घरों में गवाहों की उपस्थिति में रेड कार्यवाही की, जहां से कुल 30 लीटर हाथ भट्ठी से बनी महुआ शराब बरामद की गई।
      पुलिस ने धनेश उरांव (उम्र 47 वर्ष, निवासी बाजार पारा) के पास से 10 लीटर महुआ शराब, रामलाल उरांव (उम्र 47, उरांव पारा) के पास से 10 लीटर महुआ शराब, और जगदीश भगत (उम्र 35 वर्ष, ग्राम तराईमाल) से भी 10 लीटर महुआ शराब जब्त की, जिसकी कुल कीमत लगभग ₹3,000 है। तीनों आरोपियों के विरुद्ध थाना पूंजीपथरा में आबकारी अधिनियम की धारा 34(2), 59(क) के तहत पृथक-पृथक अपराध दर्ज किया गया है।
        थाना प्रभारी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी धनेश उरांव के खिलाफ पूर्व में आबकारी अधिनियम के सात, विस्फोटक अधिनियम का एक मामला तथा अन्य प्रतिबंधात्मक कार्रवाई दर्ज है। वहीं रामलाल उरांव के विरुद्ध पूर्व में जुआ एक्ट के तहत अपराध दर्ज पाया गया है। बार-बार अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर धनेश उरांव को गुंडा-बदमाश सूची में शामिल करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
         इस रेड कार्रवाई में उप निरीक्षक विजय एक्का, सहायक उप निरीक्षक जयराम सिदार, प्रधान आरक्षक विनीत तिर्की व सतीश सिंह, आरक्षक विक्रम कुजूर, फिल्मोन लकड़ा, हेमसागर पटेल, नरेंद्र पैंकरा और महिला आरक्षक पुष्पा कुजूर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। “सुशासन तिहार” के अंतर्गत की गई यह त्वरित और ठोस कार्रवाई से ग्रामीणों में पुलिस के प्रति विश्वास को और मजबूत करती दिख रही है।

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