प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) के प्रवचन सुनकर लोग प्रभावित होते हैं और अपने मन की जिज्ञासा को शांत करने के लिए उनसे प्रश्न पूछने वृंदावन पहुंच जाते हैं। महाराज कहते हैं कि किसी एक भगवान की भक्ति में खुद को रमा लो, लेकिन भक्त का प्रश्न था कि मैं राधा नाम जपना चाहता हूं, लेकिन शिव भक्ति भी नहीं छोड़ना चाहता?धर्मगुरु प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों के माध्यम से लोगों को भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। वहीं, उनके दरबार में भी लोग अपने प्रश्न लेकर पहुंचते हैं।