रायगढ़, /अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह 2025 के पांचवें दिन नन्हे कलाकारों ने अपनी कला प्रतिभा से मंच को रोशन कर दिया। कार्यक्रम में बच्चों की प्रस्तुतियों ने जहां दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया, वहीं उनकी लय, ताल और भावभंगिमाओं ने कला के प्रति समर्पण को भी दर्शाया। इसी क्रम में कोरबा की कुमारी अश्विका साव ने अपनी शानदार कथक नृत्य प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। दक्षिण भारत की इस शास्त्रीय नृत्य शैली में सुर, ताल और लय का ऐसा संगम देखने को मिला।
कुमारी अश्विका साव तीन वर्ष की आयु से ही कथक का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। वर्तमान में वह लखनऊ घराना से सीनियर डिप्लोमा पूर्ण कर चुकी हैं। वह विद्यालय, स्थानीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मंचों पर प्रस्तुति देकर कई बार सराही जा चुकी हैं। साथ ही, विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट स्थान भी हासिल कर चुकी हैं। अश्विका के लिए कथक केवल मंचीय कला नहीं, बल्कि एक जीवंत परंपरा है, जो उन्हें अनुशासन, साधना और आत्म-अभिव्यक्ति से जोड़ती है।

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