महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती एवं आर्य समाज के 150 वर्ष पूर्ण होने पर छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक आयोजन, मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल समेत अनेक विशिष्ट अतिथि होंगे शामिल

रायपुर।
महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज के 150वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में “200 कुण्डीय धर्म रक्षा महायज्ञ” एवं दो दिवसीय “सनातन संस्कृति महासम्मेलन” का भव्य आयोजन 19 और 20 अप्रैल को रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में किया जा रहा है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वावधान में संपन्न होगा।

कार्यक्रम के संयोजक एवं योग आयोग के अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा ने बताया कि यह सम्मेलन समरसता, एकता और वैदिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती भारतीय समाज में समता, नारी उद्धार और समाज सुधार के अग्रदूत थे, और आज उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है।

99 आर्य संस्थाओं की सहभागिता

सभा के प्रधान डॉ रामकुमार पटेल ने बताया कि इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ की 99 से अधिक मान्यता प्राप्त आर्य संस्थाएं भाग लेंगी। उन्होंने कहा, “महर्षि दयानंद का ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा आज भी उतना ही प्रासंगिक है। आर्य समाज अंधविश्वास और पाखंड से समाज को मुक्त कर सत्य, विज्ञान और वैदिक धर्म की ओर अग्रसर कर रहा है।”

महापुरुषों की उपस्थिति में विचारों का प्रवाह

सभा के महामंत्री अवनि भूषण पुरंग ने कहा कि यह सम्मेलन समाज को जात-पात से ऊपर उठकर एकता, सद्भाव और वैदिक जीवन मूल्यों का अनुसरण करने का संदेश देगा।

राजस्थान से पधार रहे जीवर्धन शास्त्री ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में आर्य समाज की भूमिका और स्वामी दयानंद का ‘स्वराज्य’ का उद्घोष क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत रहा।

मुख्यमंत्री और राज्यपाल होंगे शामिल

इस ऐतिहासिक आयोजन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गुजरात के राज्यपाल महामहिम आचार्य देवव्रत प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे। साथ ही कई अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

संन्यासी, विद्वत एवं गुरुकुल Acharyas की उपस्थिति

इस महासम्मेलन की शोभा बढ़ाने के लिए देशभर के प्रतिष्ठित वैदिक विद्वान, संन्यासी और गुरुकुल आचार्य भी उपस्थित रहेंगे, जिनमें शामिल हैं –

पूज्य स्वामी धर्मानंद सरस्वती, स्वामी व्रतानन्द, स्वामी सच्चिदानन्द, स्वामी शांतानन्द, स्वामी विप्रदेव, स्वामी नरेन्द्रदेव, स्वामी अशोकानन्द आदि।

प्रमुख विद्वानों में आचार्य चन्द्रशेखर शास्त्री, डॉ. अजय आर्य, गौतम खट्टर, डॉ. सुदर्शन देव व्रती और कई अन्य शामिल हैं।

गली-गली यज्ञ, जन-जन तक संदेश

आर्य समाज द्वारा समरसता के संदेश को लेकर गली-गली यज्ञ कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि स्वामी दयानंद सरस्वती के विचार समाज के हर वर्ग तक पहुंच सकें। यह महासम्मेलन सनातन परंपरा, वेद आधारित जीवनशैली, स्वदेशी भावना और सामाजिक एकता को लेकर एक सशक्त मंच सिद्ध होगा।

समरसता और सनातन संस्कृति का महासंदेश
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभिन्न जातियों, समुदायों और वर्गों को जोड़कर वैदिक सिद्धांतों पर आधारित समरस समाज की स्थापना है। साथ ही स्वदेशी शिक्षा, नारी सशक्तिकरण और भारतीय संस्कृति के वैश्विक महत्व को रेखांकित किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वावधान में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती एवं आर्य समाज के 150वें स्थापना दिवस का आयोजन 19 एवं 20 अप्रैल को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम रायपुर में आयोजित होने जा रहा है।

कांग्रेस के इतिहास में यह दर्ज है कि आजादी के आंदोलन में 80% से अधिक लोग आर्य समाज और स्वामी दयानंद की विचारधारा से प्रभावित थे। आर्य समाज ने आधुनिक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सती प्रथा का उन्मूलन, विधवा विवाह, नारी शिक्षा, पुनर्विवाह, हिंदी रक्षा आदि आर्य समाज के महत्वपूर्ण कार्य रहे हैं। लाला लाजपत राय स्वामी दयानंद के अनन्य शिष्य और भक्त थे। स्वदेशी का मंत्र देने वाले महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने स्वदेशी शिक्षा और भारत की सनातन परंपरा को विश्व पटल पर स्थापित करने का कार्य किया।
विशिष्ट गणमान्य व्यक्ति इस महासम्मेलन में पधार रहे हैं। कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपनी सहमति प्रदान की है। गुजरात के राज्यपाल महामहिम आचार्य देवव्रत इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल होंगे। सुरेन्द्र कुमार आर्य अध्यक्ष, ज्ञान ज्योति पर्व के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, दीनदयाल गुप्त, कैप्टन रुद्रसेन सिंधु, विनय आर्य दिल्ली कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। कार्यक्रम में बृजमोहन अग्रवाल (लोकसभा, सांसद, रायपुर), विजय बघेल (लोकसभा, सांसद, दुर्ग), देवेंद्र प्रताप सिंह (राज्य सभा, सांसद, रायपुर), डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना (क्षेत्रिय संघ संचालक), बिसरा राम यादव (पूर्व प्रान्त संघ संचालक), राजेश मूणत (विधायक,नगर पश्चिम, रायपुर), सुनील सोनी (विधायक, नगर दक्षिण, रायपुर), प्रबलप्रताप सिंह जुदेव (प्रदेशमंत्री, भाजपा), मोतीलाल साहू (विधायक, रायपुर ग्रामीण), पुरन्दर मिश्रा (विधायक, नगर उत्तर, रायपुर), गजेन्द्र यादव (विधायक, दुर्ग शहर), रिकेश सेन (विधायक, वैशाली नगर भिलाई), संपत अग्रवाल (विधायक, बसना), योगेश्वर राजू सिन्हा (विधायक, महासमुन्द), श्रीमती मिनल चौबे (महापौर, नगर निगम, रायपुर) कार्यक्रम में अपने विचार रखेंगे,

निमंत्रित विशेष संन्यासीगण, पूज्य स्वामी धर्मानंद सरस्वती पू. स्वामी व्रतानन्द सरस्वती (आचार्य, गुरुकुल आमसेना), पू. स्वामी सच्चिदानन्द सरस्वती (महोपदेशक, आर्यसमाज), पू. स्वामी शांतानन्द सरस्वती (दर्शनयोग महा., गुजरात), पू. स्वाामी विप्रदेव जी (पंतजलि योगपीठ, हरिद्वार), पू. स्वामी नरेन्द्रदेव जी (पंतजलि योगपीठ, हरिद्वार), पू. स्वामी अशोकानन्द जी (योगाचार्य, अंबिकापुर), निमंत्रित विशेष विद्वतगण आचार्य चन्द्रशेखर शास्त्री (अंतर्राष्ट्रीय वेदकथाकार, दिल्ली), डॉ. अजय आर्य (वैदिक विद्वान्, भिलाई), गौतम खट्टर (अध्यक्ष, सनातन महासंघ), आचार्य बृहस्पति जी वैदिक विद्वान् गुरुकुल नवप्रभात,डॉ शिव शंकर शास्त्री वैदिक विद्वान्,रायपुर,आचार्य प्रेम प्रकाश शास्त्री वैदिक विद्वान् चरोदा ,डॉ.सुदर्शन देव व्रती (वैदिक विद्वान्, ओडीशा), निमंत्रित विशेष आचार्यगण – आचार्य मुकेश कुमार (आचार्य, गुरुकुल कोसरंगी), आचार्य राकेश कुमार (आचार्य, गुरुकुल तुरंगा), आचार्य दिलीप जिज्ञासु (आचार्य, गुरुकुल हरिपुर), आचार्य अनन्त शास्त्री (आचार्य, गुरुकुल नरसिंहनाथ), आचार्य भगवान देव जी (आचार्य, गुरुकुल नवप्रभात), आचार्य कुंजदेव मनीषी (उपाचार्य, गुरुकुल आमसेना), आचार्या पुष्पा वेदश्री (कन्या गुरुकुल आमसेना), आचार्या शारदा जी (कन्या गुरुकुल घुचापाली), डॉ अहल्या नायक स्वर्ज्योति कन्या गुरुकुल ओडिशा,
आचार्य रणवीर जी (सत्य सनातन, गुरुकुल कांसा) आदि प्रमुखहैं।
यह कार्यक्रम सनातन धर्म की जागृति का कार्य करेगा।कार्यक्रम का उद्देश्य समरसता के साथ सनातन परंपरा संस्कृति और वैदिक विचारों को जनमानस के समक्ष रखना है। स्वदेशी के मंत्र को व्यावहारिक बुनियादी रूप देकर समाज के समक्ष रखेंगे।

छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा
अवनी भूषण पुरंग
मंत्री ने विज्ञप्ति जारी किया है।

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