राम नवमी आयोजन समिति में हिंदू धर्म से जुड़े समाज भव्य शोभा यात्रा के लिए एकजुट
रायगढ़ :- राम नवमी आयोजन समिति के आह्वान पर आज हिंदू धर्म से जुड़े सभी समाज के प्रतिनिधियों की बैठक में समवेत स्वर से शोभा यात्रा को एतिहासिक बनाने का निर्णय लिया गया । समिति से जुड़े उत्साहित सदस्यों ने कहा आगामी 6 अप्रैल को रायगढ़ की गलियों में सिर्फ राम का नाम गूंजेगा। आज की इस बैठक में शोभा यात्रा को ऐतिहासिक बनाने एवं तैयारियों की समीक्षा करते हुए कार्य विभाजन किया गया। आयोजन समिति की बैठक में राम के नाम का अपार उत्साह दृष्टिगोचर हो रहा था। ढाई दशक पहले छोटे रूप में शुरू की गई रायगढ़ की राम नवमी शोभा यात्रा की चर्चा अब प्रदेश व्यापी हो चुकी है। आज की इस बैठक के बाद विभिन्न क्षेत्र में टोलियों एवं समाज की बैठक का दौर शुरू होगा जिसमें अपने अपने क्षेत्र से लोग शोभायात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए शामिल होंगे। श्री राम नवमी आयोजन समिति के तत्वाधान में रखी गई बैठक में हिंदू धर्म से जुड़े समाज की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि करोड़ों हिन्दुओं के आस्था के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जी की भव्य शोभा यात्रा 6 अप्रैल रविवार नटवर स्कूल प्रांगण में शस्त्र पूजन के साथ प्रारंभ होगी तत्पश्चात शोभा यात्रा नटवर स्कूल से स्टेशन चौक ,गांधी प्रतिमा,रामनिवास टाकीज चौक,गोपी टाकिज,मंदिर चौक,सुभाष चौक, हटरी चौक,पैलेस रोड,चांदनी चौक, गांजा चौक,गद्दी चौक,सिटी कोतवाली,हंडी चौक,घड़ी चौक होते हुए रामलीला मैदान में समाप्त होगी। समापन के बाद विशाल भंडारा तथा भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। शोभा यात्रा में हिंदू धर्म से जुड़े 50 से अधिक समाज के रामभक्त सम्मिलित होंगे तथा साथ ही अनेक युवा समितियो के द्वारा झाकियां,डीजे,ढोल ,मदिरा, के जरिए अपनी आस्था का प्रदर्शन किया जायेगा। श्री राम शोभा यात्रा को भव्य बनाने हेतु यह प्रथम बैठक रखी गई थी आगे अभी अनेक युवा समिति,महिला समिति,वार्ड समिति,दुर्गा पूजन समिति ,राजनैतिक एवम सामाजिक संगठनो की बैठक आहूत कर शोभा यात्रा को भव्य और दिव्य बनाने के लिए रणनीति बनाई जाएगी श्री राम नवमी आयोजन समिति ने इस वर्ष श्री रामनवमी शोभा यात्रा को सफल बनाने के लिए सभी रामभक्तो को अधिक से अधिक समय देने का आव्हान किया है। राम नवमी आयोजन समिति से जुड़े सुरेश गोयल ने कहा रायगढ़ में ऐतिहासिक शोभायात्रा का आयोजन होता है। राम हिन्दू आस्था के प्रतीक है। उमेश अग्रवाल ने हिंदुत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा सतयुग में भगवान राम को 14 वर्षों का वनवास हुआ था कलियुग में 500 साल के वनवास के बाद राम लला अपने जन्म स्थान पर स्थापित हुए है। इस आयोजन हिंदुओं की आस्था का आयोजन निरूपित करते हुए उमेश अग्रवाल ने कहा शहरवासियों को परिवार जनों के साथ इस शोभायात्रा में शामिल होना चाहिए । दीपक पांडेय ने जय श्री राम का जयकारा लगाते हुए कहा कि उपस्थित भीड़ इस बात का प्रमाण है कि इस आयोजन के हिन्दू समाज से जुड़े लोग उत्साह के साथ अपनी सहभागिता दर्ज कराना चाहते है। जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं यह नारा लगाते हुए हिंदूवादी विचार धारा के प्रवर्तक आशीष ताम्रकार ने शोभायात्रा के पिछले इतिहास पर प्रकाश डालते हुए विचार रखे और ऐतिहासिक शोभा यात्रा की तैयारियों में जुट जाने का आह्वान किया। बजरंग अग्रवाल लेन्ध्रा ने कहा इस आयोजन से शहरवासियों का आत्मीय नाता हो गया है यही वजह है कि यह आयोजन ऐतिहासिक होता है। शोभा यात्रा को देखने आस पास के ग्रामीण जन भी आते है। सभी की एकजुटता से यह आयोजन भव्य होता है।जयंत ठेठवार ने भी अपने विचार रखते हुए कहा हर वर्ष आयोजन का स्वरूप भव्य हो रहा है यही हमारे राम के प्रति आस्था का प्रमाण है। जयंत ठेठवार ने भी भगवान राम को हिन्दुओं का आराध्य निरूपित किया। प्रदीप गर्ग ने कहा शहरवासियों को इस आयोजन की बेसब्री प्रतिक्षा रहती है। आयोजन समिति से जुड़ा कार्यकर्ता राम भक्त है। राम का नाम ही उत्साह का संचार करता है।गौतम अग्रवाल ने कहा हिन्दू धर्म से जुड़े हर व्यक्ति इस शोभा यात्रा में शामिल होकर राम भक्ति का प्रमाण देता है। हिंदू धर्म से जुड़े सभी समाज के लोग आज राम जन्म को ऐतिहासिक शोभा यात्रा के लिए एक जुट है यह एकजुटता ही सनातन धर्म की मजबूत नींव है। मुकेश मित्तल ने भी शोभायात्रा हेतु आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा भगवान राम के आदर्श समाज के लिए भी आज भी प्रासंगिक है पिता के वचनों का मान रखने के लिए उन्होंने मुकुट सिंहासन का त्याग कर हंसते हुए वनवास स्वीकार किया और छोटे भाई को राज पाट सौंप दिया यह घटना आज विघटित होते समाज के लिए प्रेरणा दाई है। बैठक का समापन जय जय श्री राम का जयकारा लगा कर किया गया।
शोभा यात्रा को एतिहासक बनाने हिंदू धर्म से जुड़े समाज
अग्रवाल समाज, क्षत्रिय राजपूत महासभा, सिख समाज,अखंड ब्राह्मण समाज,सर्व गुजराती समाज,उत्कल संस्कृत सेवा समिति, उत्कल समाज, सर्वनाई समाज,अघरिया समाज,गोस्वामी समाज,भट्ट समाज, अखंड ब्राह्मण समाज,मारवाड़ी ब्राह्मण समाज, काव्य कुंज ब्राह्मण समाज,सरयू पारिय ब्राह्मण समाज, खटीकसोनकर समाज, मराठी समाज, यादव समाज, सतनामी समाज भोजपुरी समाज,कोलता समाज,माली समाज, सिंधी समाज, क्षत्रिय राठौर समाज, किन्नर समाज, साहू समाज, सोनी समाज, गोड समाज,श्री विश्वकर्मा कल्याण समिति, केवट समाज,कहरा समाज, केशरवानी समाज, नामदेव पटवा समाज, सारथी समाज,अग्रहरि समाज, कनौजिया यादव समाज,कुर्मी क्षत्रिय समाज,कलार समाज, देवांगन समाज, महंत मानिकपुरी समाज, चंद्र साहू चन्द्रा समाज, चौहान समाज, बंगाली समाज, स्वर्णकार समाज,उरांव समाज, बौद्ध समाज, कछुवाहा समाज, झरिया धोबी/ बरेठ समाज, थवाईत बरई समाज,आंध्रा समाज, केरला समाज, कुम्हार समाज, वैष्णव समाज,