MBBS News: देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित अन्य यूजी के कोर्सेज में नीट यूजी की परीक्षा के आधार पर एडमिशन दिया जाता है। परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए 85 प्रतिशत सीटों की काउंसलिंग राज्य अथॉरिटी की तरफ से आयोजित की जाती है। जबकि 15 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश केंद्र सरकार की तरफ से आयोजित किया जाता है।
जिन मेडिकल अभ्यर्थियों को 2023 में ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से राज्य या केंद्रीय अधिकारियों के बजाय कॉलेजों द्वारा वर्तमान बैच के लिए एमबीबीएस सीटें सौंपी गई थीं, उनके प्रवेश रद्द किए जा सकते हैं। इस संबंध में 9 जनवरी को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने एक नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया कि शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के प्रवेश में एक खामी की पहचान की गई है।
आयोग ने आदेश दिया कि अंतिम “स्ट्रे रिक्ति या मॉप-अप राउंड” के दौरान आवंटित शेष सीटें भी केंद्रीकृत योग्यता सूची का उपयोग करके ऑनलाइन आवंटित की जाएंगी। इस अधिदेश का उद्देश्य “सीट खरीद” की प्रथा को समाप्त करना था, जिसमें कुछ कॉलेजों ने ज्यादा शुल्क के बदले में योग्यता सूची में नीचे के छात्रों को शेष सीटें आवंटित की थीं। ऐसे में आयोग वर्तमान में 1.04 लाख प्रवेशों के रिकॉर्ड का सत्यापन कर रहा है, जो ऑफ़लाइन किए गए थे।
सत्यापन के बाद ऑफलाइन दाखिला लेने वाले छात्रों का एडमिशन कैंसिल किया जाएगा। ऐसे छात्रों के संबंध में एनएमसी ने सभी कॉलेजों को लेटर लिख जानकारी भी मांगी है। आपको बता दें कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) केंद्रीय कोटा के तहत उपलब्ध सभी एमबीबीएस सीटों में से 15 प्रतिशत के लिए काउंसलिंग आयोजित करती है। जबकि, शेष 85 प्रतिशत सीटों की काउंसलिंग राज्य अधिकारियों जैसे स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीओएचएस), चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीओएमई), या अन्य समान नामित निकायों द्वारा की जाती है। नीट यूजी के लिए हर वर्ष बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आवेदन करते है। जिसकी वजह से परीक्षा में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है।

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