स्वामी विवेकानन्द वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें 2 मिनट का समय दिया गया था किन्तु उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण का आरम्भ “मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों” के साथ करने के लिये जाना जाता है।उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था।
स्वामी विवेकानंद जी पर व्याख्यान Dr रोशन अग्रवाल प्रोफेसर रायगढ़ मेडिकल कॉलेज ने करियर कॉलेज आफ नर्सिंग के छात्राओं को दिया साथ ही अंकित जायसवाल जी ने महामंत्री भारतीय मोर्चा ने श्री नारायण नर्सिंग इंस्टिट्यूट पर छात्रों को स्वामी विवेकानंद जी के बारे में विस्तृत जानकारी दी
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