सूचना का अधिकार से प्राप्त जानकारी काफी चौंकाने वाली है। नर्सिंग हाई पावर कमेटी के गठन करने के लिए DME कार्यालय मे कोई नोटशीट भी नहीं है, न ही राज्य शासन से कोई अनुमति ली गई थी। अपनी सुविधा के लिए पूर्व DME ने नर्सिंग हाई पावर कमेटी का गठन किया था, जिसका काम नवीन नर्सिंग कॉलेज की समीक्षा करना था, लेकिन वर्तमान में नर्सिंग हाई पावर कमेटी अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए पिछले 3 सालों में बहुत सारे नर्सिंग महाविद्यालयों को अनुमति प्रदान की है । एक कॉलेज तो ऐसा है जिसमें नर्सिंग हाई पावर कमेटी ने पूरे जोर शोर से विरोध किया था, कि *अनुमति न दिया जाए* लेकिन ऐसा कहा से क्या हुआ ,आदेश कहां से प्राप्त हुआ कि सारे नर्सिंग हाई पावर कमेटी मेंबर्स ने अपनी सहमति देकर उक्त कॉलेज को सहमति प्रदान कर दी । गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज रायगढ़ मे MSc मेंटल हेल्थ की अनुमति पूर्व DME द्वारा प्रदान की गई थी जबकि वहां रायगढ़ में कोई भी मेंटल हॉस्पिटल नहीं था । वर्तमान में रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में 25 बिस्तर मेंटल हेल्थ की सुविधा उपलब्ध है। शासकीय नर्सिंग कॉलेज रायगढ़ में MSc नर्सिंग मेंटल हेल्थ खोलने के लिए शासकीय मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी बिलासपुर जो के कॉलेज से करीब 164 Km दूर है को मेंटल पोस्टिंग के लिए अस्पताल दर्शाया गया था जिसके कारण INC नियुक्त विषय के लिए अनुमति प्रदान की l साथ ही गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज अंबिकापुर को पूर्व DME एवम उनके अधीनस्थ हाई पावर कमिटी के सभी सदस्यों की सहमति होने पर अनुमति दी गई थी । *यह जानकारी सूचना के अधिकार के द्वारा प्राप्त अभिलेख से प्राप्त हुई जिसमें मेंटल हॉस्पिटल अंबिकापुर को मात्र 10 बिस्तर का दिखाया गया है और उसे नर्सिंग हाई पावर कमेटी के नौ सदस्यों ने हस्ताक्षर कर पर्याप्त बता कर अनुमति प्रदान की है* l प्राप्त जानकारी के अनुसार नर्सिंग हाई पावर कमेटी ने रायगढ़ की एक नर्सिंग संस्था को MSc इन मेंटल हेल्थ की सहमति देने से यह कहते हुए मना कर दिया है कि रायगढ़ से बिलासपुर की दूरी 170 किलोमीटर है जबकि उक्त संस्था को छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा MSc विद्यार्थियों को गवर्नमेंट मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी बिलासपुर की अनुमति प्राप्त है जहां क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय रायगढ़ एवम शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय अंबिकापुर के विद्यार्थी भी आते हैं। नर्सिंग हाई पावर कमेटी की इस दोहरी नीति पर उनके कार्य पर संदेह और सवालिया निशान खड़े करती है । सोचने वाली बात है अगर 170 किलोमीटर दूरी पैमाना है तो शासकीय नर्सिंग कॉलेज रायगढ़ एवम शासकीय नर्सिंग कॉलेज अंबिकापुर को MSc नर्सिंग की अनुमति किस आधार पर दी गई है । INC New Delhi ने भी 164 /205 किलोमीटर की दूरी को मान्य करते हुवे दोनों शासकीय नर्सिंग महाविद्यालयों (रायगढ़ और अंबिकापुर )को MSc नर्सिंग मेंटल हेल्थ की अनुमति प्रदान की है l INC New Delhi के 2021 के गैजेट नोटिफिकेशन में नवीन महाविद्यालय की दूरी 10 किलोमीटर से अधिक होनी चाहिए ऐसा दर्शित है लेकिन 2021 के बाद जितने भी नवीन महाविद्यालय नर्सिंग महाविद्यालय खुले हैं नर्सिंग हाई पावर कमेटी ने इस पर कभी भी कोई भी आपत्ती एवं टिप्पणी नहीं की है जबकि यह जानकारी सभी सदस्यों को थी l BSc nursing के साथ MSc nursing पाठ्यक्रम खोलने के लिए के साथ OBG पाठ्यक्रम के लिए 5 MSc की आवश्यकता होती है और साथ ही MSc Pedia खोलने के लिए 3 MSc की आवश्यकता होती हैl जिसको नजर अंदाज करते हुए नर्सिंग हाई पावर कमेटी ने शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय अंबिकापुर को शिक्षकों की कमी होने के बावजूद भी अपनी सहमति दी l जानकारी होना और उसको छुपाना और सहमति देना भी नर्सिंग हाई पावर कमेटी के कार्य पर सवाल खड़े करती है l राज्य शासन को पूर्व के DME और हाई पावर नर्सिंग कमेटी के सदस्यों के द्वारा अपने अधिकारों का गलत उपयोग करने की समीक्षा आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को करनी चाहिए एवं नर्सिंग हाई पॉवर कमेटी के प्रत्येक सदस्य पर सख्त से सख्त कार्रवाई करना चाहिए ।