Site icon दो कदम आगे

‘काका, आपने मुझे पहचाना’… 51 वर्षों बाद अपने गांव पहुंचे स्वामी विश्वज्योति

योग गुरु स्वामी विश्वज्योति सरस्वती के शिष्य जापान, व स्वीटजरलैंड, इंग्लैंड तक हैं। योग शिक्षा के क्षेत्र में इन्होंने पूरे देश में अलग पहचान बनाई है। कुछ दिन नगरी में छोटे भाई गोविंद कश्यप के निवास में रहने के बाद अपने आश्रम वापस लौट जाएंगे।काका, आपने मुझे पहचाना…? भगवा वस्त्रधारी व्यक्ति ने जब गांव के एक बुजुर्ग से अपने विषय में पूछा तब उन्होंने न में सिर हिलाया। बुजुर्ग ही नहीं, गांव के अधिकांश लोग इन्हें नहीं पहचान पा रहे थे। 16 वर्ष की आयु में गांव छोड़कर आश्रमों में भटकने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर योग प्रशिक्षक के रूप में विख्यात हीरालाल कश्यप अब स्वामी विश्वज्योति सरस्वती के नाम से पहचाने जाते हैं। वे पूरे 51 वर्षों के पश्चात अपने गांव मोदे लौटे तो बुजुर्गों से आशीष लेने लगे। उनकी ख्याति सुन आसपास के गांवों के लोग भी उनका सानिध्य पाने मोदे गांव आए।

Exit mobile version