भगवान महाकाल की सावन माह की अंतिम सवारी में बड़ी संख्‍या में श्रद्धालुओं के शाम‍िल होने की उम्‍मीद है। दोपहर सभामंडप में पूजन कर सवारी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया जाएगा। सवारी के शिप्रा नदी के तट पर पहुंचने के बाद जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की जाएगी। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पांचवीं सवारी निकलेगी। भगवान महाकाल भक्तों को एक साथ पांच रूपों में दर्शन देंगे। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव, नंदी पर उमा महेश तथा डोल रथ में होल्कर रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे।

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