Covid के बाद से भारत देश ही नहीं पूरे विश्व में नर्सिंग की संभावनाएं काफी बड़ी है और लोगों का विश्वास परिवार से ज्यादा नर्स पर आया है l पूरे भारत में छत्तीसगढ़ में नर्सिंग की फीस सबसे कम है l महाराष्ट्र में बीएससी नर्सिंग की फीस प्रति वर्ष लगभग 3:50 से 4 लाख रुपए है वही छत्तीसगढ़ में मात्र एक से सवा लाख रूपए है l सरकार प्रोत्साहन के लिए फ्री नर्सिंग स्कीम का भी आयोजन करती है जिसमें चयनित छात्राओं को लगभग 60000 से 70000 पर प्रतिवर्ष दिया जाता है l नर्सिंग में संभावनाओं को देखते हुए प्रत्येक वर्ष बहुत अधिक मात्रा में विद्यार्थी एग्जाम के लिए फॉर्म भरते हैं l छत्तीसगढ़ स्टेट नर्सिंग काउंसिल के द्वारा permitted कॉलेज की लिस्ट इंडियन नर्सिंग काउंसिल में भेजने के बावजूद भी इंडियन नर्सिंग काउंसिल अपनी वेबसाइट पर suitibility के लिए नाम नहीं डालती है और जो डालती भी है तो किस्तों में । INC अपने नियम धारा 13 और 14 के तहत किसी भी नर्सिंग कॉलेज का पूरे देश में कभी भी निरीक्षण कर सकती है। निरीक्षण करने के उपरांत अपनी रिपोर्ट उसे राज्य शासन को या उसे राज्य के नर्सिंग काउंसिल को भेजेगा जो उसकी समीक्षा करेगी । समीक्षा करने के बाद अपनी सहमति इंडियन नर्सिंग काउंसिल को प्रदान करेगा जिसे इंडियन नर्सिंग काउंसिल को मान्य करना होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार
छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल के द्वारा सत्र 2024 की permitted नर्सिंग कॉलेज को की लिस्ट इंडियन नर्सिंग काउंसिल को भेज दी गई है लेकिन इंडियन नर्सिंग काउंसिल अपने ढीले ढाले रवैया के कारण लिस्ट को अपलोड करने में देरी करता है। इसी कारण केंद्र सरकार ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल को भंग कर नर्सिंग मिडवाइफ्री कमिशन का गठन किया है जो आने वाले अक्टूबर नवंबर में अपना कार्य चालू करेगा ।
इंडियन नर्सिंग काउंसिल के द्वारा एक बार में नर्सिंग कॉलेजेस को सूटेबिलिटी नहीं दी जाती है और दी जाती है तो भी किस्तों में । नर्सिंग मे संभावना को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार समय-समय पर नर्सिंग कॉलेज खोलने की अनुमति देती है ।छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में लगभग 130 नर्सिंग कॉलेजेस का संचालन किया जा रहा है।
INC के नियम अनुसार 1 अगस्त 2024 को कक्षाएं चालू हो जानी चाहिए थी क्योंकि INC ने suitability अभी तक नहीं दी है इसकी वजह से छत्तीसगढ़ राज्य की मेडिकल आयुष यूनिवर्सिटी भी affiliation देने में देरी कर रही है।
देखने की बात यह है छत्तीसगढ़ राज्य शासन के जो अधिकारी GNM काउंसलिंग की अधिकृत है अपने ढीले ढाले रवैये की वजह से GNM काउंसलिंग अभी भी चालू नहीं कर पाए है। नर्सिंग एडमिशन की प्रक्रिया को काफी जटिल बना दिया गया है जिसके कारण विद्यार्थी काफी भ्रमित हो जाते हैं और अंत में एडमिशन लेने से चूक जाते हैं l
छत्तीसगढ़ राज्य में है नर्सिंग के आपार संभावनाएं ।
