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युवा अवस्था में दिखने लगते हैं एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण, हल्के में न लें

एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के शुरुआती लक्षणों में पीठ दर्द और पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों में अकड़न शामिल हो सकती है, खासकर सुबह के समय और निष्क्रियता के बाद। गर्दन में दर्द और थकान भी आम है। समय के साथ, लक्षण अनियमित अंतराल पर खराब हो सकते हैं, सुधर सकते हैं या बंद हो सकते हैं।एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण किशोरावस्था में ही दिखने लगते हैं। इसके प्रभावित मरीजों की औसत उम्र 20 से 22 साल होती है। जानकारी के अभाव में लोग इसे सामान्य जोड़ो का दर्द समझ लेते हैं और अक्सर इसका इलाज ऑर्थोपेडिक डॉक्टरों से कराते रहते हैं। शुरुआती दौर में इसे पकड़ पाना मुश्किल होता है क्योंकि एक्स-रे में हड्डियों में कोई बदलाव नहीं दिखता है। अधिकतर लोग रूमेटोलॉजिस्ट के पास तब पहुंचते हैं जब उनकी बीमारी बढ़ चुकी होती है या हड्डियों का फ्यूज़न एक्स-रे में साफ़ दिखाई देने लगता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के महीने में 15 से 20 नए मामले देखने को मिल जा रहे है।

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