छत्तीसगढ़ के चार प्रमुख महानगरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की स्थिति चिंताजनक है। छोटे शहरों जैसे कटनी, बालाघाट और रतलाम इस कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। महानगरों में बच्चों की विकृति और बीमारियों का इलाज धीमा है। जागरूकता की कमी के कारण भी यहां योजना का लाभ कम लोगों को मिल रहा है।स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रदेश के चार महानगरों का प्रदर्शन फिसड्डी है। हालात यह हैं कि इन महानगरों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम को टानिक की जरूरत है। यही वजह है कि आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के शून्य से 18 वर्ष आयु के बच्चों व किशोरों को इलाज मुहैया कराने में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर छोटे शहरों से फिसड्डी हैं।
बच्चों को फ्री उपचार मुहैया कराने में MP के बड़े नगर फिसड्डी, शीर्ष पर कटनी, बालाघाट
