चार साल पहले, नौ साल की एक बच्ची के साथ अपराध का दोषी माने गए तीन लोगों को कोर्ट ने सजा सुनाई है। उनमें सुरक्षा गार्ड और थर्ड जेंडर भी शामिल हैं। उन्हें जुर्म काम के लिए उम्र कैद और अर्थदंड दोनों का सामना करना पड़ा है। अगर वे अर्थदंड नहीं भरते, तो उन्हें चार-चार महीने की और जेल की सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने पीड़ित बच्ची के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार से सात लाख रुपये देने की भी सिफारिश की है। इस मामले में शासकीय बालिका गृह शंकरनगर की अधीक्षिका रत्ना दुबे ने शिकायत की थी। गिरफ्तारी के बाद, उन्हें फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय में पेश किया गया था, जहां उन्हें दोषी पाया गया और सजा सुनाई गई।