छत्तीसगढ़ में जमीन की रजिस्ट्री में मिली 30% तक की छूट की योजना 31 मार्च 2024 को समाप्त हो रही है। पिछली सरकार ने 5 साल पहले रजिस्ट्री में 30% तक की छूट का प्रावधान किया था। यह अवधि समाप्त होने के कारण लोगों को अब 100% की दर से पंजीयन शुल्क देना होगा।
कांग्रेस सरकार ने 30% छूट देने के बाद पंजीयन शुल्क 0.8% से बढ़ाकर 4% कर दिया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने पिछली पंजीयन शुल्क वृद्धि को यथावत रखा है। अब लोगों को इस तरह दोहरा भार पड़ेगा कि उन्हें गाइडलाइन दर पर रजिस्ट्री कराना होगा और 4% पंजीयन शुल्क भी देना पड़ेगा।
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी का कहना है, गाइडलाइन जमीनों के रेट में 30% छूट समाप्त होने पर छत्तीसगढ़ के खजाने में 1000 करोड़ तक एक्स्ट्रा राजस्व आएगा। इससे किसानों को भी फायदा होगा।
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने पिछले तीन साल में जमीनों का गाइडलाइन रेट नहीं बढ़ाया था। अलग से जमीन की खरीदी पर 30% छूट दे दी थी। यह छूट 31 मार्च को समाप्त हो जाएगी। शासन ने कोई नया आदेश जारी नहीं किया।
जमीनों का अधिग्रहण होने पर लोगों को जमीन की गाइडलाइन रेट कम होने से उन्हें कुल रकम में एक तिहाई रकम का नुकसान हो रहा था। किसानों की जिस जमीन का रेट 10 लाख रुपए है, अधिग्रहण पॉलिसी के तहत उन्हें चार गुना यानी 40 लाख रुपए मुआवजा मिलना चाहिए था। गाइडलाइन में जारी छूट की वजह से उन्हें 30 लाख रुपए ही मिल रहे थे।