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ग्राम टिनमिनी में गणेश पूजा उत्सव : भव्य कीर्तन, हजारों की भीड़ और शोभायात्रा में गूंजे जयकारे

ग्राम टिनमिनी में इस वर्ष गणेश पूजा का पर्व अत्यंत भव्य और ऐतिहासिक रूप से मनाया गया। नवाखाई पर्व की पावन रात्रि को राम सप्ताह भवन परिसर में आयोजित कीर्तन धारा ने पूरे गाँव का वातावरण भक्ति और उल्लास से भर दिया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक रही कि पूरा भवन परिसर और आस-पास का इलाका जनसागर में बदल गया। गाँव के लोग ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्र से भी लोग इस आयोजन में शामिल होने पहुँचे। मुख्य अतिथियों की उपस्थिति कार्यक्रम में ग्राम पंचायत टिनमिनी की सरपंच श्रीमती कुंती भोय, उप सरपंच श्रीमती झरना प्रधान, पुसौर अंचल क्षेत्र के जनसेवक श्री भवानी शंकर यादव एवं श्री सुरेन्द्र जेना ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। अतिथियों ने आयोजन समिति एवं ग्रामवासियों को सफल कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएँ दीं।

कलाकारों ने मोहा मन
भक्तिमय संध्या को और भी आकर्षक बनाने के लिए ओडिशा से विशेष कलाकारों को आमंत्रित किया गया था। गायन प्रस्तुति देने वालों में अपने पुसौर सिहा से इंदु गुप्ता एवं ओड़िशा से डोली प्रधान और लिप्सा रानी खम्हारी ने अपनी मधुर आवाज से भक्तों को भावविभोर कर दिया। वादन के क्षेत्र में रुपेन्द्र सा, विनोद मराठा और नित्यानंद भोय ने अपनी कला से ऐसा वातावरण बनाया कि देर रात तक श्रोता झूमते रहे। यह आयोजन श्री गणेश युवा समिति टिनमिनी के तत्वाधान में सम्पन्न हुआ। समिति के युवाओं ने न केवल कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि भीड़ की व्यवस्था, मंच संचालन और पूरे माहौल को अनुशासित बनाए रखने में सराहनीय योगदान दिया। हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने उपस्थिति दर्ज कर कार्यक्रम की भव्यता को और भी बढ़ा दिया।

गणेश विसर्जन की शोभा यात्रा
शनिवार की शाम गणेश विसर्जन का आयोजन बड़े धूमधाम से हुआ। गाँव में विशाल शोभायात्रा निकाली गई जिसमें पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग सभी शामिल हुए। रंग-बिरंगे परिधानों, ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों के बीच “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
गाँव की गलियों से होते हुए शोभायात्रा विसर्जन स्थल तक पहुँची जहाँ भव्य रूप से गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया गया। इस दौरान पूरे क्षेत्र में अद्भुत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माहौल देखने को मिला।

गाँववासियों की सराहना
इस आयोजन की सफलता में गाँव के प्रत्येक नागरिक का योगदान रहा। विशेष रूप से युवाओं ने अपनी सक्रिय भूमिका से यह साबित किया कि सामूहिक प्रयास से कोई भी आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न किया जा सकता है। गाँववासियों ने इस अवसर को केवल धार्मिक उत्सव के रूप में नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि के प्रतीक के रूप में भी मनाया।

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