दो कदम आगे

Old Age Care

करियर कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग के 3rd year के छात्र व छात्राएं 12 फरवरी को रायगढ़ के ओल्ड एज होम आशा निकेतन में एक अद्भुत और सार्थक दिन बिताने पहुंचे। इस विशेष दिन का मकसद, बुजुर्गों के साथ समय बिताना और उनके साथ मिलकर आनंद लेना था।

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यह छात्र और छात्राएं ने आशा निकेतन में रह रहे सभी बुजुर्गों के लिए फल, टॉफीज़, और बिस्किट्स का वितरण किया। इससे नहीं केवल उनकी खुशी बढ़ी, बल्कि उनका चेहरा भी मुस्कराया। छात्र और छात्राएं ने इस खास मौके पर बुजुर्गों को अपनी ममता और सहानुभूति का अहसास कराया।

वे नहीं सिर्फ खानपान का वितरण करने के साथ ही, बुजुर्गों के साथ में विभिन्न खेलों में भी भाग लिया।

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इस मौके पर बुजुर्गों ने छात्र और छात्राओं को अपने आशीर्वाद और प्यार से नवाजा। उन्होंने बच्चों को अपने जीवन के अनुभवों से सीखने का सुझाव दिया और उन्हें अपनी दुल्हन के रूप में स्वीकार किया। इस सामाजिक सेवा के अद्भुत पल में, छात्र और छात्राएं ने महसूस किया कि साझा करने में ही वास्तविक सुख है।

इस प्रस्तुति ने न केवल छात्र और छात्राओं की जागरूकता बढ़ाई, बल्कि उन्हें एक समर्पित और सहानुभूति भरे समाज का हिस्सा बनाने का भी एक संदेश दिया।

करियर कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग के 3rd year के छात्र व छात्राएं 12 फरवरी को रायगढ़ के ओल्ड एज होम आशा निकेतन में एक अद्भुत और सार्थक दिन बिताने पहुंचे। इस विशेष दिन का मकसद, बुजुर्गों के साथ समय बिताना और उनके साथ मिलकर आनंद लेना था।

यह छात्र और छात्राएं ने आशा निकेतन में रह रहे सभी बुजुर्गों के लिए फल, टॉफीज़, और बिस्किट्स का वितरण किया। इससे नहीं केवल उनकी खुशी बढ़ी, बल्कि उनका चेहरा भी मुस्कराया। छात्र और छात्राएं ने इस खास मौके पर बुजुर्गों को अपनी ममता और सहानुभूति का अहसास कराया।

वे नहीं सिर्फ खानपान का वितरण करने के साथ ही, बुजुर्गों के साथ में विभिन्न खेलों में भी भाग लिया। लुडो, कैरम और चेस जैसे गेम्स के माध्यम से वे बुजुर्गों के साथ मस्ती करते रहे।

इस मौके पर बुजुर्गों ने छात्र और छात्राओं को अपने आशीर्वाद और प्यार से नवाजा। उन्होंने बच्चों को अपने जीवन के अनुभवों से सीखने का सुझाव दिया और उन्हें अपने बच्चो के रूप में स्वीकार किया। इस सामाजिक सेवा के अद्भुत पल में, छात्र और छात्राएं ने महसूस किया कि साझा करने में ही वास्तविक सुख है।

इस प्रस्तुति ने न केवल छात्र और छात्राओं की जागरूकता बढ़ाई, बल्कि उन्हें एक समर्पित और सहानुभूति भरे समाज का हिस्सा बनाने का भी एक संदेश दिया।

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