सुशील कुमार पाण्डेय एवं उनकी संस्था बस्तर सामाजिक जन विकास समिति विगत 22 वर्षों से बस्तर के आदिवासी समुदाय एवं बस्तर के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के कल्याण, उत्थान एवं सर्वांगीण विकास हेतु निरंतर अपनी सेवा प्रदान कर रही है । कांकेर जिले के ग्राम कोयलीबेडा में जन्मे सुशील ने अपनी करियर की शुरुवात दंतेवाड़ा जिले के ग्राम कटेकल्याण से की जहां उनके द्वारा 250 स्व-सहायता समूह का गठन कर महिलाओं को न केवल स्वरोजगार का अर्थ सिखलाया अपितु महिला शक्तिकरण के महत्व को बताते हुए उन्हें स्वालंभी भी बनाया । 30 मई 2003 को संस्था बस्तर सामाजिक जन विकास समिति की नींव रखते हुए बस्तर जनजातीय समाज के लोगों के लिए स्वास्थ्य, आजीविका, शिक्षा, कौशल विकास के क्षेत्र तक पहुंच बनाई । वर्तमान में 100 से अधिक कर्मचारियों के साथ कार्यरत संस्था बस्तर सामाजिक जन विकास समिति द्वारा 95000 परिवारों को आजीविका से जोड़ कर उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही है । मलेरिया, एच आईवी एड्स, टी बी जैसे बीमारियों की पहचान, रोकथाम एवं इलाज की सेवाएं, बच्चों के अधिकारों, शिक्षा, दत्तक ग्रहण, सर्वांगीण विकास एवं संरक्षण के आयामों में भी कार्यरत है । संस्था ने अब तक 20000 से अधिक पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी अपना सहयोग प्रदान किया है । महिला शक्तिकरण, स्वरोजगार, बस्तर समृद्धि एवं खुशहाल जैसे विचारों को केंद्र में रख कर कार्यरत संस्था बस्तर सामाजिक जन विकास समिति के संस्थापक व सचिव सुशील कुमार पाण्डेय को रविवार को प्रसारभारती भवन नई दिल्ली में आयोजित विजनरी इंडियंस अवॉर्ड कार्यक्रम में रियल लाइफ हीरो पुरस्कार से सम्मानित किया गया । कार्यक्रम गोल्डन स्पैरो, न्यूज मीडिया 47, ऑल इंडिया रेडियो एवं पॉजिटिव बरता एजेंसियों द्वारा प्रायोजक की गई थी ।