रायगढ़। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यमिक कोतरा में प्रधान पाठक विनय मोहन पटेल का संकुल स्तरीय विदाई सह सम्मान कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से आयोजित किया गया। ढोल नगाड़े बाजे के साथ सर का मुख्य द्वार पर स्वागत किया गया,। विदाई कार्यक्रम के पश्चात उनके निज निवास तरकेला में पूरा विद्यालय परिवार छोड़ने गया, पूरे गांव में ढोल बाजे के साथ उनका सम्मान किया गया।यह अवसर केवल एक औपचारिक समारोह नहीं, बल्कि एक युग की विदाई जैसा था, जिसे शब्दों में पिरोना कठिन है।अपने 42 वर्षीय शिक्षकीय जीवन में विनय मोहन पटेल सर ने केवल शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं उल्लेखनीय योगदान दिया, बल्कि विद्यार्थियों के जीवन में सच्चे मार्गदर्शक, प्रेरणास्त्रोत और जीवन मूल्यों के वाहक बने। उनके सान्निध्य में शिक्षकों की एक पूरी पीढ़ी शिक्षित और प्रेरित हुई। प्रधान पाठक श्वेता सिंह ने अपने उद्बोधन में उनके साथ बिताए पल को साझा करते करते मंच पर भावुक हो गई , अपना मार्गदर्शन और आशीर्वाद बनाए रखने का निवेदन किया ।, शिक्षक राजेंद्र कुमार चौहान ने अपने उद्बोधन कहा अगर इंजीनियर गलती करे तो एक सड़क गलत बन सकती है, डॉक्टर गलती करे तो एक मरीज मर सकता है, लेकिन अगर शिक्षक गलती करे तो एक पूरी पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। शिक्षक समाज का भाग्य विधाता होता है, सर के साथ बिताए पल को याद करते हुए अपने भावुक क्षण को रोक नहीं पाए मंच पर बोलते हुए अपनी आंखों में आंसू लेकर पटेल सर के प्रति अपनी आत्मीयता व्यक्त की। वर्तमान सीएससी संकुल केंद्र कोत रा विनोद सिंह के पिता सुशील सिंह रिटायर्ड व्याख्याता ने अपनी उद्बोधन में, उनके बचपन, उनके परिवार की पृष्ठभूमि, स्वभाव और संस्कार पर कहा की विनय मोहन पटेल सर जैसा शिक्षक आज के युग में होना संभव नहीं है, सभी अतिथियों ने अपने-अपने उद्बोधन में उनके साथ बिताए पल को याद किया और सभी ने भावुक होकर अपनी अपनी कृतज्ञता जाहिर की विद्यालय परिसर में एक अद्भुत भावनात्मक वातावरण व्याप्त हो गया था,जहाँ विदाई के साथ-साथ सम्मान, स्नेह और कृतज्ञता की गूंज उठ गई थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य आर सी नवनीत ने की, जिन्होंने पटेल सर के कार्यकाल की सराहना करते हुए उनके उज्जवल भविष्य एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भी सर का पुष्प गुच्छ एवं माल्यार्पण से स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।, अभिनंदन पत्र का बाचन व्याख्याता श्यामा पटेल के द्वारा किया गया। पूरे संकुल परिवार की तरफ से शाल श्रीफल, गिफ्ट आदि भेंट किया गया, कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता बीर सिंह द्वारा किया गया,अपने विदाई संदेश में विनय मोहन पटेल ने गहराई से जुड़े भावों के साथ कहा, “यह विद्यालय मेरा दूसरा घर था, और यहाँ के विद्यार्थी व शिक्षक मेरे परिवार का हिस्सा। अगर मेरे कार्यकाल में यदि किसी का दिल दुखाया हो तो आज में हृदय से क्षमा प्रार्थी हूं और मैंने किसी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया हो, तो यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है।” कार्यक्रम को सफल बनाने में, यज्ञकुमार पटेल, उमाशंकर पटेल, निशा गौतम, तृप्ति अग्रवाल, नीलू भारद्वाज, सविता सिदार, पालूराम सिदार, अनीता जांगड़े,हरि कृष्ण बैरागी, संतोष कुमार पटेल, एवं पूरे संकुल परिवार का सराहनीय योगदान रहा।
